जब किसी के अंदर का खुदा मर जाता है, तो वह जिंदगी में हर गुनाह कर जाता है

जिंदगी में हमेशा से यही सोचता रहा, दिल में खुदा है तो किसे खोजता रहा।

हमारा तो इश्क़ भी सूफियाना है प्यार करते करते हम खुद भी सूफी हो गए ।।

तुझी को जो याँ जल्वा-फ़रमा न देखा बराबर है दुनिया को देखा न देखा ।।

हो जख्म दिल में लाख मुस्कुराना चाहिए, आंसू भी अगर आएं तो छुपाना चाहिए।

अपना तजुर्बा मैं बताता हूं सभी सुनो, बिन सोचे समझे दिल नहीं लगाना चाहिए।

गम का खजाना दिल के तहखाने में यूँ रखो, जो सामने दुनिया के नहीं आना चाहिए।